tag:blogger.com,1999:blog-5641386347663322298.post2004079204537248494..comments2024-03-26T07:56:14.590+05:30Comments on कुछ लम्हे दिल के...: रक़ीबअर्चना तिवारीhttp://www.blogger.com/profile/04130609634674211033noreply@blogger.comBlogger24125tag:blogger.com,1999:blog-5641386347663322298.post-1061896041246095232010-01-25T17:23:49.525+05:302010-01-25T17:23:49.525+05:30Archna ji aapki rachna lajavab hai. urdu per aapki...Archna ji aapki rachna lajavab hai. urdu per aapki pakad bhi tarife kabel hai. Badhai ho...lav kumar singhhttps://www.blogger.com/profile/09708859009293183354noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5641386347663322298.post-87704026427284213012010-01-09T20:15:36.014+05:302010-01-09T20:15:36.014+05:30बहुत खूबबहुत खूबराहुल यादवhttps://www.blogger.com/profile/17584554814410271031noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5641386347663322298.post-49480348581319096482010-01-09T11:35:06.950+05:302010-01-09T11:35:06.950+05:30बहुत सुन्दर रचना
लगा बैठे दिल को तेरी चाहत का रोग ...बहुत सुन्दर रचना<br />लगा बैठे दिल को तेरी चाहत का रोग जो<br />दिल को बहलाने का कोई अंदाज़ न मिला<br />दिबहुत बहुत आभारPushpendra Singh "Pushp"https://www.blogger.com/profile/14685130265985651633noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5641386347663322298.post-50430312896832339572010-01-06T07:02:11.317+05:302010-01-06T07:02:11.317+05:30नया साल मंगलमय हो ... 2010 हंसी और हंसी-ख़ुशी से भ...नया साल मंगलमय हो ... 2010 हंसी और हंसी-ख़ुशी से भरा रहे !!!!संजय भास्कर https://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5641386347663322298.post-51532324239998687532010-01-04T21:25:29.361+05:302010-01-04T21:25:29.361+05:30मिटा सके दुनिया के ज़ुल्मों सितम को
ऐसा इस ज़माने मे...मिटा सके दुनिया के ज़ुल्मों सितम को<br />ऐसा इस ज़माने में कोई जांबाज़ न मिला<br /><br />शमशान में पड़ी है इंसानियत इस कदर<br />कि जिंदा करने का कोई इलाज़ न मिला<br /><br />वाह .....अर्चना जी गज़ब का लिखतीं हैं आप .......!!हरकीरत ' हीर'https://www.blogger.com/profile/09462263786489609976noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5641386347663322298.post-85963599774425420732010-01-04T11:37:11.903+05:302010-01-04T11:37:11.903+05:30लगा बैठे दिल को तेरी चाहत का रोग जो
दिल को बहलाने ...लगा बैठे दिल को तेरी चाहत का रोग जो<br />दिल को बहलाने का कोई अंदाज़ न मिला<br /><br />वाह ! उम्दा प्रस्तुति है.<br />ग़ज़ल मीटर की जानकारी मुझे भी नहीं है मैं भी सिख ही रहा हूँ.<br /><br />नववर्ष की बधाई और शुभकामनाओं सहित<br /><br />- सुलभSulabh Jaiswal "सुलभ"https://www.blogger.com/profile/11845899435736520995noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5641386347663322298.post-84018926296670507462009-12-31T21:21:34.824+05:302009-12-31T21:21:34.824+05:30लगा बैठे दिल को तेरी चाहत का रोग जो
दिल को बहलाने ...लगा बैठे दिल को तेरी चाहत का रोग जो<br />दिल को बहलाने का कोई अंदाज़ न मिला<br />बढ़िया गज़ल बधाई।<br />--नववर्ष मंगलमय हो।देवेन्द्र पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/07466843806711544757noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5641386347663322298.post-13574919214832484352009-12-30T00:49:10.151+05:302009-12-30T00:49:10.151+05:30अर्चना जी, यें बातें निश्चित ही आपके काम आयेंगी......अर्चना जी, यें बातें निश्चित ही आपके काम आयेंगी...<br />आपके खूबसूरत भाव सिर्फ फन के अभाव में अपनी चमक खो बैठते हैं<br />सर्वत साहब ने कितनी खूबसूरती से अपनी बात कही है-<br />'मेरी बातों को अन्यथा न लीजियेगा, मेरा अभिप्राय केवल इतना है कि एक समर्थ रचनाकार, केवल गजल के व्याकरण के नाते, स्वयं पर लोगों को उँगलियाँ उठाने का अवसर न दे'<br />मै अमरेन्द्र नाथ त्रिपाठी जी और सर्वत साहब की बात से सहमत हूं<br />हम सभी आपकी रचनाओं को बेदाग देखना चाहते हैं<br />नये साल की शुभकामनाओं के साथ<br />शाहिद मिर्ज़ा शाहिदशाहिद मिर्ज़ा ''शाहिद''https://www.blogger.com/profile/09169582610976061788noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5641386347663322298.post-1683031783861768442009-12-25T15:50:41.817+05:302009-12-25T15:50:41.817+05:30khoobsurt bhavkhoobsurt bhavSonalikahttps://www.blogger.com/profile/14526076386982042931noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5641386347663322298.post-32485526559798296512009-12-23T15:01:42.006+05:302009-12-23T15:01:42.006+05:30हज़ार ज़ख्म खाकर भी जुबां खामोश रही
हाल-ए-दिल को को...हज़ार ज़ख्म खाकर भी जुबां खामोश रही<br />हाल-ए-दिल को कोई अल्फ़ाज़ न मिला<br /><br />wah wah wah...<br /><br />cheers<br />surender.सुरेन्द्र "मुल्हिद"https://www.blogger.com/profile/00509168515861229579noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5641386347663322298.post-15251092021537121122009-12-22T18:32:26.314+05:302009-12-22T18:32:26.314+05:30बहुत सुंदर और उत्तम भाव लिए हुए.... खूबसूरत रचना.....बहुत सुंदर और उत्तम भाव लिए हुए.... खूबसूरत रचना......संजय भास्कर https://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5641386347663322298.post-44646368331251239592009-12-22T13:32:55.532+05:302009-12-22T13:32:55.532+05:30शमशान में पड़ी है इंसानियत इस कदर
कि जिंदा करने का...शमशान में पड़ी है इंसानियत इस कदर<br />कि जिंदा करने का कोई इलाज़ न मिला<br /><br />बहुत ही गहरी बात है !! <br /><br />wonderful !! although very sadistic :)<br /><br />Warm Regards <br />Darshan Mehra<br /><br />"Happiness is a Decision !! "<br />http://darshanmehra.blogspot.comदर्शनhttps://www.blogger.com/profile/10062999962877720229noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5641386347663322298.post-73808135195607927262009-12-22T12:40:46.177+05:302009-12-22T12:40:46.177+05:30हज़ार ज़ख्म खाकर भी जुबां खामोश रही
हाल-ए-दिल को क...हज़ार ज़ख्म खाकर भी जुबां खामोश रही<br />हाल-ए-दिल को कोई अल्फ़ाज़ न मिला<br /><br />मिटा सके दुनिया के ज़ुल्मों सितम को <br />ऐसा इस ज़माने में कोई जांबाज़ न मिला ...<br /><br />बहुत ही अच्छी भाव हैं ....... ख्याल अच्छा हो तो शिल्प सीखना आ जाता है ......... आपकी कल्पना शक्ति ग़ज़ब की है ..... अच्छे शेर हैं .....दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5641386347663322298.post-30203245096623765212009-12-22T11:28:35.117+05:302009-12-22T11:28:35.117+05:30आप की रचनाओं में आग तो है लेकिन गजल की शास्त्रीयता...आप की रचनाओं में आग तो है लेकिन गजल की शास्त्रीयता के अभाव में चमक नहीं पैदा होती. जहाँ तक मुझे स्मरण है, इससे पहले भी सम्भवतः एक बार मैं इस विषय पर अपने विचार दे चुका हूँ. मेरी बातों को अन्यथा न लीजियेगा, मेरा अभिप्राय केवल इतना है कि एक समर्थ रचनाकार, केवल गजल के व्याकरण के नाते, स्वयं पर लोगों को उँगलियाँ उठाने का अवसर न दे. उस समय भी मैं ने कहा था कि लखनऊ शहर में गजलों के एक से बढ़कर एक उस्ताद मौजूद है, यदि आप उन तक नहीं पहुँच पा रही हैं तो बताएं, ३-४ के नाम, पते, फोन तो उपलब्धकराए जा सकते है.<br />बहुत दिनों बाद आपके ब्लॉग तक आया, आप खौल रही होंगी कि इतने दिनों बाद आया तो भी डांट-फटकार से काम ले रहा हूँ. लेकिन आप ही बताएं, अपनों में कमी देखते हुए उन्हें टोका न जाए? आखिर हम एक बिरादरी, एक कुनबे के हैं. कुनबे की बर्बादी देख पाना मुमकिन नहीं है.सर्वत एम०https://www.blogger.com/profile/15168187397740783566noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5641386347663322298.post-30757988959234232212009-12-22T00:41:08.274+05:302009-12-22T00:41:08.274+05:30Harek sher ne waah karne ko majboor kar diya...laj...Harek sher ne waah karne ko majboor kar diya...lajawaab rachna....रंजनाhttps://www.blogger.com/profile/01215091193936901460noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5641386347663322298.post-30524098854231836152009-12-21T23:08:03.508+05:302009-12-21T23:08:03.508+05:30सुन्दर भाव; अमरेन्द्र जी की टिप्पणी से गज़ल के ...सुन्दर भाव; अमरेन्द्र जी की टिप्पणी से गज़ल के संबंध में किंचित जानकारी हुई, यह ब्लाग जगत सीखने सिखाने का भी बढिया मंच है.<br /><br />धन्यवाद.36solutionshttps://www.blogger.com/profile/03839571548915324084noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5641386347663322298.post-76448508872385144072009-12-21T22:19:31.852+05:302009-12-21T22:19:31.852+05:30... बेमिसाल अभिव्यक्ति !!!... बेमिसाल अभिव्यक्ति !!!कडुवासचhttps://www.blogger.com/profile/04229134308922311914noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5641386347663322298.post-22528872691827838622009-12-21T19:45:02.438+05:302009-12-21T19:45:02.438+05:30अर्चना जी !
ब्लॉग - जगत में तो अधिकांश लोग तारीफ ...अर्चना जी !<br />ब्लॉग - जगत में तो अधिकांश लोग तारीफ की ही जुबान बोलते <br />रहते हैं , शायद टिप्पणी - अमृत के लोभ से ..<br />किसी की तारीफ से मुझे भला क्या आपत्ति ! परन्तु , बेहतर <br />करने और पाने के लिए हमें गलतियों को भी देखना और दिखाना <br />चाहिए .. नहीं तो सीखने की प्रक्रिया नहीं फलती - फूलती ..<br />पहली बार आपके ब्लॉग पर आया हूँ , अतः अज्ञानता-जन्य <br />त्रुटियों को माफ़ कीजियेगा , फिर भी मैं अपनी बात कहूँगा क्योंकि <br />मुझे पता है कि मैं गाली तो दे नहीं रहा हूँ ..<br />...........<br />मैंने आपकी पिछली तीन प्रविष्टियों को पढ़ा . <br />आपकी गजलों में सबसे बड़ी कमी है , 'बहर' के विधान का <br />गड़बड़ाना ( कविताओं में लय कह लीजिये ) इससे अच्छे भाव <br />होने पर भी गजल का लुत्फ़ नहीं आ पाता .. यूँ तो लिखने को कुछ भी लिखा <br />जा सकता है .. किन्तु महान रचना तो सर्वांगीण पूर्णता से बनती है .. आपकी <br />'' देखा तेरी आँखों में '' वाली गजल में यह त्रुटि कम है , जबकि ''उम्मीद'' और इस वाली<br />गजल में यह त्रुटि ज्यादा है .. <br />हाँ , आपकी भाव-राशि की तारीफ मैं भी करता हूँ ; पर एक पाठक और साहित्य-प्रेमी <br />के दायित्व के तौर पर मैं चाहूँगा कि आपकी कविता का शिल्प - पक्ष भी प्रसंशा के योग्य <br />बने .. <br />कहीं मैंने शुभकामना का खतरा(?) तो नहीं मोल ले लिया !<br />............ आभार ,,,Amrendra Nath Tripathihttps://www.blogger.com/profile/15162902441907572888noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5641386347663322298.post-7159340186820538972009-12-21T19:15:35.449+05:302009-12-21T19:15:35.449+05:30आपने बहुत दिनों के बाद कुछ लिखा.... अच्छा लगा.......आपने बहुत दिनों के बाद कुछ लिखा.... अच्छा लगा....डॉ. महफूज़ अली (Dr. Mahfooz Ali)https://www.blogger.com/profile/13152343302016007973noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5641386347663322298.post-76756361031395991322009-12-21T18:46:31.777+05:302009-12-21T18:46:31.777+05:30"मिटा सके दुनिया ज़ुल्मों सितम को
ऐसा इस ज़माने..."मिटा सके दुनिया ज़ुल्मों सितम को<br />ऐसा इस ज़माने में कोई जांबाज़ न मिला"<br /><br />इसमें तो सौ प्रतिशत सच्चाई है । <br />बेहद खूबसूरत रचना । आभार ।Himanshu Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/04358550521780797645noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5641386347663322298.post-85054914572332699942009-12-21T18:43:21.845+05:302009-12-21T18:43:21.845+05:30मिटा सके दुनिया ज़ुल्मों सितम को
ऐसा इस ज़माने में...मिटा सके दुनिया ज़ुल्मों सितम को<br />ऐसा इस ज़माने में कोई जांबाज़ न मिला<br /><br />सच्ची बात...बेहतरीन रचना...वाह.<br />नीरजनीरज गोस्वामीhttps://www.blogger.com/profile/07783169049273015154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5641386347663322298.post-70123772181103842132009-12-21T18:19:38.756+05:302009-12-21T18:19:38.756+05:30बेहतरीन शेरों से सजी उम्दा गजलबेहतरीन शेरों से सजी उम्दा गजलअजय कुमारhttps://www.blogger.com/profile/15547441026727356931noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5641386347663322298.post-76961741051736643432009-12-21T18:15:13.888+05:302009-12-21T18:15:13.888+05:30superb !!superb !!अनिल कान्तhttps://www.blogger.com/profile/12193317881098358725noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5641386347663322298.post-48256213437021745502009-12-21T18:11:31.889+05:302009-12-21T18:11:31.889+05:30लगा बैठे दिल को तेरी चाहत का रोग जो
दिल को बहलाने ...लगा बैठे दिल को तेरी चाहत का रोग जो<br />दिल को बहलाने का कोई अंदाज़ न मिला<br /><br />हज़ार ज़ख्म खाकर भी जुबां खामोश रही<br />हाल-ए-दिल को कोई अल्फ़ाज़ न मिला<br /><br />waah bahut khoobsurat sher ban pade hain..<br />mashaallah..lajwaab hain sabhi..<br />Badhai..स्वप्न मञ्जूषा https://www.blogger.com/profile/06279925931800412557noreply@blogger.com