tag:blogger.com,1999:blog-5641386347663322298.post2417030458405754513..comments2024-03-26T07:56:14.590+05:30Comments on कुछ लम्हे दिल के...: मदारी और बंदर अर्चना तिवारीhttp://www.blogger.com/profile/04130609634674211033noreply@blogger.comBlogger1125tag:blogger.com,1999:blog-5641386347663322298.post-30746818560204069772020-04-07T10:09:08.178+05:302020-04-07T10:09:08.178+05:30मदारी बिना रस्सी के है और बंदर को आदत हो गयी है ना...मदारी बिना रस्सी के है और बंदर को आदत हो गयी है नाचने की बिना डमरू भी :) ये दूसरा पहलू है। सुन्दर।सुशील कुमार जोशीhttps://www.blogger.com/profile/09743123028689531714noreply@blogger.com