कर्म को देव बना कर देखो
सत्य के मार्ग पे जा कर देखो
साथ में होंगे करोड़ों इक दिन
पाँव तो पहले बढ़ा कर देखो
सारे इंसान हैं इस दुनिया में
सरहदें अपनी मिटा कर देखो
क्या है नफरत, ये अदावत क्या है
प्रेम का राग तो गा कर देखो
मंजिलें साफ़ नज़र आएंगी
ज्ञान के दीप जला कर देखो
पूरी ग़ज़ल ही उम्दा है किसी एक शेर का चुनाव बेहद मुश्किल
जवाब देंहटाएंबहुत ख़ूब!
बहुत खूबसूरत और सन्देश देती रचना ..
जवाब देंहटाएंबेहद सटीक प्रेरणा देता, स्वच्छ ह्रदय से उपजा संदेश
जवाब देंहटाएंसारे इंसान हैं इस दुनिया में
जवाब देंहटाएंसरहदें अपनी मिटा कर देखो
waah
सारे इंसान हैं इस दुनिया में
जवाब देंहटाएंसरहदें अपनी मिटा कर देखो
सुंदर सन्देश देती रचना ...बहुत खूब
चलते -चलते पर आपका स्वागत है
tiwari ji...
जवाब देंहटाएंsundar ehsaason se saji rachna!
बहुत अच्छी बातें कही आपने
जवाब देंहटाएंपढ्ने वालों इसे बस गजल ना समझना
इसकी बातों को अपना कर तो देखो ..........
बहुत उम्दा...
जवाब देंहटाएंमंजिलें साफ़ नज़र आएंगी
ज्ञान के दीप जला कर देखो
ये शेर खास तौर पर अच्छा लगा.
साथ में होंगे करोड़ों इक दिन
जवाब देंहटाएंपाँव तो पहले बढ़ा कर देखो
वाह बहुत सुन्दर ग़ज़ल है और ये शेर तो लाजवाब है ...
bahut sunder :)
जवाब देंहटाएंसाथ में होंगे करोड़ों इक दिन
जवाब देंहटाएंपाँव तो पहले बढ़ा कर देखो
बहुत खूब ... सत्य लिखा है .. पहला कदम ही बस मुश्किल होता है ... एक कदम बढ़ा दे कोई तो कई कदम साथ देते हैं ....
चर्चा मंच के साप्ताहिक काव्य मंच पर आपकी इस रचना का लिंक मंगलवार 30 -11-2010
जवाब देंहटाएंको दिया गया है .
कृपया अपनी प्रतिक्रिया दे कर अपने सुझावों से अवगत कराएँ ...शुक्रिया ..
सारे इंसान हैं इस दुनिया में
जवाब देंहटाएंसरहदें अपनी मिटा कर देखो
बहुत सुंदर अर्चना ..... बस यही समझने की दरकार है हमें .....
अरे वाह अर्चना जी,
जवाब देंहटाएंआप तो अच्छी ग़ज़ल कह लेती हैं. हर शेर अच्छा है. बधाई आपको
बेहतरीन!
जवाब देंहटाएं... bahut sundar ... badhaai !!!
जवाब देंहटाएंsundar gazal badhai archanaji
जवाब देंहटाएंek achchhee gazal... badhai, abhar.
जवाब देंहटाएंGhazal ke bhav achhe lage.
जवाब देंहटाएंसारे इंसान हैं इस दुनिया में
जवाब देंहटाएंसरहदें अपनी मिटा कर देखो
इन पंक्तियों ने बेहद प्रभावित किया .....
शुभकामनायें |
सुन्दर संदेशपूर्ण रचना!
जवाब देंहटाएंइतनी मुश्किल बहर और इतने कामयाब अशआर, आपने स्तब्ध कर दिया. इस बहर में तो अच्छे-अच्छे गच्चा खा जाते हैं. मैं अगर किसी एक शेर को चुनूं तो यह पूरी गजल के साथ नाइंसाफी होगी. आपकी जी तोड़ मेहनत साफ़ नजर आ रही है. आप दूसरों के लिए मिसाल बनती जा रही हैं.
जवाब देंहटाएंआपकी गजल अच्छी है. मेहनत भी अच्छी है. अभी काफी पढ़िए, फिर थोड़ा लिखिए. फायदा होगा.
जवाब देंहटाएंनिसंदेह ।
जवाब देंहटाएंयह एक प्रसंशनीय प्रस्तुति है ।
धन्यवाद ।
satguru-satykikhoj.blogspot.com
bahut hi behatreen gazal ....ek ek sher shaandar hai ..
जवाब देंहटाएंbadhayi sweekar kare.
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मेरी नयी कविता " तेरा नाम " पर आप का स्वागत है .
आपसे निवेदन है की इस अवश्य पढ़िए और अपने कमेन्ट से इसे अनुग्रहित करे.
"""" इस कविता का लिंक है ::::
http://poemsofvijay.blogspot.com/2011/02/blog-post.html
विजय
बहुत बेहतरीन ग़ज़ल| धन्यवाद|
जवाब देंहटाएंमंजिलें साफ़ नज़र आएंगी
जवाब देंहटाएंज्ञान के दीप जला कर देखो
बिल्कुल सही। संदेश देती हुई एक बेहतर रचना
gajal me jaan hai....khubsuart abhivyakti...:)
जवाब देंहटाएंआदरणीया अर्चना जी
जवाब देंहटाएंनमस्कार !
सादर स्मृति !
कहां हैं आप ??
आजकल कहीं भी नज़र नहीं आ रहीं … मेरे यहां भी बहुत समय से आप नहीं आईं , आपके दोनों ब्लॉग्स पर भी पोस्ट लगाए भी इतना समय हो गया …
आशा है ,ईश्वर-कृपा से सपरिवार स्वस्थ-सकुशल हैं …
हार्दिक शुभकामनाएं !
क्या है नफरत, ये अदावत क्या है
प्रेम का राग तो गा कर देखो
रचनाएं आपकी हमेशा सुंदर और श्रेष्ठ होती हैं …
नई रचना का इंतज़ार रहेगा …
- राजेन्द्र स्वर्णकार
sunder sandesh deti rachna.
जवाब देंहटाएंkya baat hai....this is very beautiful...
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