एक बार वक़्त से लम्हा गिरा कहीं, वहाँ दास्ताँ मिली लम्हा कहीं नहीं....गुलज़ार
दार्शनिक!! उम्दा!!
भोर का चाँद देखना भी हर किसी के नसीब कहाँ होता है ...
pyaaraa....
दार्शनिक!! उम्दा!!
जवाब देंहटाएंभोर का चाँद देखना भी हर किसी के नसीब कहाँ होता है ...
जवाब देंहटाएंpyaaraa....
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