रविवार, 4 दिसंबर 2016

भोर का चाँद

भोर का चाँद 
अधिक देर तक नहीं दिखता 
फिर भी उग आता है भोर में

शायद वह जानता है 
कि इस पर उसका वश नहीं है
वश है तो केवल चलते रहने पर

वह जानता है
कि दिन में उसका अस्तित्व बेशक ना हो
पर रात पर तो उसी का एकाधिकार है...