सावन के बहाने ...
सावन के बहाने अश्कों को हम बहा आए
आसमां से दर्द का इक रिश्ता निबहा आए
सुलगते अरमानों को धुआं बनाकर
घटाओं के परिंदों को हम उड़ा आए
अश्कों की बूंदों से नमी को जब्ज कर
बादलों के दिल की आब पाशी करा आए
जज्बा-ए-दिल की शमा को पिघलाकर
बरसते सावन में दर्द को हम घुला आए
सूखे पत्तों से झड़ गए वो लम्हे उल्फत के
उन लम्हों की यादों को किताबों में दबा आए
खूने दिल के कतरों से सियाही लेकर
दास्ताने दर्द की इक ग़ज़ल हम बना आए
(चित्र गूगल सर्च से साभार )
वाह वाह वाह !!!! अर्चनाजी वाह.........क्या कमाल की गजल लिखी है आपने.....आनंद आ गया पढ़कर ....
जवाब देंहटाएंआपकी कविता बहुत अच्छी लगी, उस से भी अच्छा लगा आपका विचार.
जवाब देंहटाएंarchana ji sadar namaskar.....mere cartoon par tippani ke liye dhanyawad....vaise mujh cartoonist ko kavita[gajal] ki samajh kam he hai....apki rachna ka jawab nahi.....
जवाब देंहटाएंबेहतरीन अभिव्यक्ति!
जवाब देंहटाएंसुन्दर रचना बधाई.
जवाब देंहटाएंआपकी कविता अच्ची है लेकिन बिम्ब सभी पुराने है कुछ नये बिम्बों को लेकर रचना कीजिये आप में वह क्षमता है
जवाब देंहटाएं... प्रभावशाली व प्रसंशनीय गजल !!!!!!
जवाब देंहटाएंसुकुमार भावों की सशक्त अभिव्यक्ति। बधाई
जवाब देंहटाएंशानदार रचना है। और साथ ही इमेज भी लाजवाब है।
जवाब देंहटाएं-Zakir Ali ‘Rajnish’
{ Secretary-TSALIIM & SBAI }
तेरे ग़म को जाँ की तलाश थी तेरे जाँ-निसार चले गये
जवाब देंहटाएंतेरी राह में करते थे सर तलब सर-ए-राह-गुज़ार चले गये
सुन्दर तस्वीर के साथ सुन्दर रचना आभार !
जवाब देंहटाएंआप की रचना बहुत अच्छी लगी....बहुत बहुत बधाई।
जवाब देंहटाएंSavan ke bahane behad sundar gazal..badhai !!
जवाब देंहटाएं"शब्द सृजन की ओर" पर इस बार पढें "ऑरकुट की कहानी"....
very excellent poem .....u hv worte....
जवाब देंहटाएंअत्यन्त सुंदर भाव!!
जवाब देंहटाएंये पहली नही है इससे पहले भी पढ़ा चुका हूँ आप की हर कविता भावपूर्ण होती है,शब्दों का इतना सटीक एवम् सुंदर प्रयोग सचमुच खो जाने को आता है..
बधाई..हो!!!!
सावन के बहाने......
जवाब देंहटाएंअति सुन्दर बधाई
खूबसूरत रचना
जवाब देंहटाएंगहरे भाव
अर्चना जी!
जवाब देंहटाएंसावन का भाव लिए आपकी यह सुन्दर रचना है।
बधाई।
chitra ke saath koi rachna likhna bhi ek alag hi vidhaa he, pasand aai/
जवाब देंहटाएंSawan men apne achhi kavya-dhara bahayi.Ab mere blog par akar sawan ka prasad bhi chakh len.
जवाब देंहटाएंBlogger Shama said...
जवाब देंहटाएंअर्चनाजी ,
एक जवाब तो यहीँ दे रही हूँ ...ये 'फूल ' या' कली',प्रतीकात्मक है ..इसका मानवी जीवन से सम्बन्ध है ..एक लडकी का जन्म ..जो होने नही दिया ...माँ की कोख में ही उसे मार डाला गया...किसी 'womens' day" पे रचना लिखी थी...ये औरत का अपमान है..मातृत्व का अपमान..माली अन्य कोई नही...पुरूष सत्तात्मक समाज है...स्वयं पिता है...मैंने ऐसे पिता देखे हैं, जिन्हों ने अपनी पत्नी के गर्भावस्था में ही 'स्त्री' भ्रूण को गिरा दिया...
Aapkee phoolon kee pratee samvednaa bhee samajh saktee hun...!
Poojake liye kitne berahmee se phool tod liye jaate hain..! Jabki, gar unhen sahee tareeqe se kaat ke paanee me daal phool daan me sajaya jaay,to unkee umr badhatee hai..!
Ye jawab to aapki tippanee ka hua..
जवाब देंहटाएंAb aapkee rachnayen jo padhee to mook ho gayee hun...!
Aur saath hee me us rachnaa se mel khata aprateem chitr...! Wah!
http://shamasansmaran.blogspot.com
http://kavitasbyshama.blogspot.com
http://aajtakyahantak-thelightbyalonelypath.blogspot.com
http://shama-baagwaanee.blogspot.com
बहुत सुन्दर काव्य
जवाब देंहटाएं---
श्री युक्तेश्वर गिरि के चार युग
सुन्दर रचना है आपकी, अगर कुछ कह सकूं तो बस इतना के:
जवाब देंहटाएंबाद्लों को रूलाने आ गये,
दर्द दिल का दिखाने आ गये,
बाद्लों का पानी न कम पडे,
अपने आंसू मिलाने आ गये.
Do visit, "सच में"at: (www.sachmein.blogspot.com)
सुन्दर!
जवाब देंहटाएंखूने दिल के कतरों से सियाही लेकर
जवाब देंहटाएंदास्ताने दर्द की इक ग़ज़ल हम बना आए
bahut sundar ghazal.badhai!!!!!
बहुत अच्छा लिखा है आपने । भावपूर्ण विचारों की कलात्मक अभिव्यक्ति सहज ही प्रभावित करती है । भाषा की सहजता और तथ्यों की प्रबलता से आपका शब्द संसार वैचारिक मंथन केलिए भी प्रेरित करता है।
जवाब देंहटाएंमैने अपने ब्लाग पर एक लेख लिखा है-शिवभक्ति और आस्था का प्रवाह है कांवड़ यात्रा-समय हो तो पढ़ें और कमेंट भी दें-
http://www.ashokvichar.blogspot.com
खूने दिल के कतरों से सियाही लेकर
जवाब देंहटाएंदास्ताने दर्द की इक ग़ज़ल हम बना आए
प्रवाह और भाव दोनों बढियां...
admirable efforts.
जवाब देंहटाएंummid thi ki fatah jahan karenge, ki sath tu hai to....
जवाब देंहटाएंtune nazar kya feri.... har hasrat, har armaan dafna aaye....
Gud one...
बहुत खूबसूरत लिखा है आपने....
जवाब देंहटाएंबधाई..
अर्चना जी,
जवाब देंहटाएंअहसासों से भरी हुई खूबसूरत गज़ल।
सूखे पत्तों से झड़ गये......
सादर,
मुकेश कुमार तिवारी
hi, Namaskar ..mein paheli baar iss site pein aaya hunn & 1st mein hi aap ka blog dekha ur all words are awsome really very nice & heart touching....
जवाब देंहटाएंkeep writing n wish u all da best for eva...
thnks ,.
mahesh ,NDLS
mn aur aankhon ke bich
जवाब देंहटाएंgehraa rishtaa hai
mn ka nasoor,ankhon se
ahsq bn ristaa hai
Bahut Khoobsurat Kavita Hai
जवाब देंहटाएं