देखा तेरी आंखों में...
देखा तेरी आँखों में अक्स कुछ अपना सा
गाने लगा मन इक प्यार का नगमा सा
छू गई मेरे दिल का कोई तार कहीं
छाया था पलकों पे इकरार का सपना सा
अनजान थी मैं खुद के हाले दिल से
देखा मैंने उनमें इक हमसफ़र अपना सा
ले गई वो मुझको चुराकर मुझ ही से
कर गई महफिल में मुझको तनहा सा
उनकी चंचलता ने मदहोश कर दिया
छाने लगा हो जैसे इक प्यार का नशा सा
(चित्र गूगल सर्च से साभार)
बहुत ही सुंदर रचना के लिये आप का धन्यवाद
जवाब देंहटाएंkhubsurat rachna.
जवाब देंहटाएंबहुत ख़ूबसूरत और भावपूर्ण रचना लिखा है आपने जो काबिले तारीफ है! बहुत बढ़िया लगा !इस बेहतरीन रचना के लिए ढेर सारी बधाइयाँ!
जवाब देंहटाएंबेहतर अभिव्यक्ति । आभार।
जवाब देंहटाएंबहुत बेहतरीन रचना!
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर ..!!
जवाब देंहटाएंखूबसूरत रचना.. हैपी ब्लॉगिंग
जवाब देंहटाएंvery nice composition...
जवाब देंहटाएंSUNDAR RACHNA है ............. दिल के PAAR UTARTI है .......
जवाब देंहटाएंअनजान थी मैं खुद से हाले दिल से बेखबर
जवाब देंहटाएंपाया मैंने उनमें इक हमसफ़र अपना सा,
बहुत सुन्दर रचना!!!
अनजान थी मैं खुद से हाले दिल से बेखबर
जवाब देंहटाएंपाया मैंने उनमें इक हमसफ़र अपना सा
बेहद खूबसूरत जारी रहे...
मीत
Khoobsoorat hain bhaav.
जवाब देंहटाएं-Zakir Ali ‘Rajnish’
{ Secretary-TSALIIM & SBAI }
बहुत भावपूर्ण रचना है काबिले तारीफ है! बहुत बढ़िया
जवाब देंहटाएंबेहतरीन रचना के लिए ढेर सारी बधाइयाँ!
छू गई मेरे दिल का कोई तार कहीं
जवाब देंहटाएंछाया था पलकों पे इकरार का सपना सा
बेहतरीन रचना
"छू गई मेरे दिल का कोई तार कहीं
जवाब देंहटाएंछाया था पलकों पे इकरार का सपना सा"
खूबसूरत पंक्तियाँ । आभार ।
अनजान थी मैं खुद के हाले दिल से
जवाब देंहटाएंदेखा मैंने उनमें इक हमसफ़र अपना सा
khoobsoorat linessssssss.
देखा तेरी आँखों में अक्स कुछ अपना सा
जवाब देंहटाएंगाने लगा मन इक प्यार का नगमा सा..
क्या खूब लिखा है आपने ... दिल को छू गई...
यूं ही लिखते रहिये... अपने हर्फ़ की खुशबु ब्लॉग पर बिखेरते रहिये....
आमीन.......
आप के आँखों में पल रहे इन खवाबों को सलाम... क्योंकि ... सब से खतरनाक होता है हमारे सपनो का मर जाना ...
जवाब देंहटाएंअनजान थी मैं खुद के हाले दिल से
जवाब देंहटाएंदेखा मैंने उनमें इक हमसफ़र अपना सा..bahut khoobsurat....
Roomaani jzbon ki sundar abhivyakti.
जवाब देंहटाएं( Treasurer-S. T. )
सचमुच में बहुत ही प्रभावशाली लेखन है... वाह…!!! वाकई आपने बहुत अच्छा लिखा है। बहुत सुन्दरता पूर्ण ढंग से भावनाओं का सजीव चित्रण...
जवाब देंहटाएंआप के द्वारा दी गई प्रतिक्रियाएं मेरा मार्गदर्शन एवं प्रोत्साहन करती हैं। आप मेरे ब्लॉग पर आये और एक उत्साहवर्धक प्रतिक्रिया दिया…. शुक्रिया.
आशा है आप इसी तरह सदैव स्नेह बनाएं रखेगें….
बहुत सुंदर रचना. शुभकामनाएं.
जवाब देंहटाएंरामराम.
ले गई वो मुझको चुराकर मुझ ही से
जवाब देंहटाएंकर गई महफिल में मुझको तनहा सा
गहरे भाव लिए सुन्दर रचना
अच्छा लगा पढ़कर
आभार एवं शुभकामनायें
बधाई, रचना सुन्दर बन पड़ी है
जवाब देंहटाएं"देखा तेरी आँखों में अक्स कुछ अपना सा
जवाब देंहटाएंगाने लगा मन इक प्यार का नगमा सा"
प्रेम भरे भावों की सुन्दर प्रस्तुति...
बहुत बढिया लिखा है !!
जवाब देंहटाएंउनकी चंचलता ने मदहोश कर दिया
जवाब देंहटाएंछाने लगा हो जैसे इक प्यार का नशा सा...
इस शेअर में "उनकी" जगह यदि "उसकी" कर देते
तो अपनत्व का अहसास और गहरा और तीक्ष्ण हो जाता.....
बहुत बढ़िया रचना.....
अनजान थी मैं खुद के हाले दिल से
जवाब देंहटाएंदेखा मैंने उनमें इक हमसफ़र अपना सा
bahut khoob !!
tasveer bhi bahut khoobsurat lagi..
बहुत खूब कहा आपने
जवाब देंहटाएंbahot khub
http://sanjaybhaskar.blogspot.com
kya baat hai....
जवाब देंहटाएंदेखा तेरी आँखों में अक्स कुछ अपना सा
जवाब देंहटाएंगाने लगा मन इक प्यार का नगमा सा
बहुत ही कोमलता से हाले दिल बयाँ कर दिया.........
अनजान थी मैं खुद के हाले दिल से
देखा मैंने उनमें इक हमसफ़र अपना सा
बेहद खुब्सूरत .........
उनकी चंचलता ने मदहोश कर दिया
छाने लगा हो जैसे इक प्यार का नशा सा
प्यार होता है तो ऐसे एहसासो के आसपास होते हो आप......
बेहतरीन
nice... very nice
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुंदर, भावपूर्ण और प्यारी रचना लिखा है आपने!ahut Barhia...aapka swagat hai...
जवाब देंहटाएंhttp://sanjaybhaskar.blogspot.com
अनजान थी मैं खुद के हाले दिल से
जवाब देंहटाएंदेखा मैंने उनमें इक हमसफ़र अपना सा
ले गई वो मुझको चुराकर मुझ ही से
कर गई महफिल में मुझको तनहा सा
archnaji
wah ..anjan thi mein ......kya baat hai pyar ke aagman ka kya khoob chitran kiya hai ...bahut hi badiya ...
bahot hi acha likha hua hai apne..Wah!roj padta ho tumhare lekhe hue post dil ko bahut bhati hai..
जवाब देंहटाएंदेखा तेरी आँखों में अक्स कुछ अपना सा
जवाब देंहटाएंगाने लगा मन इक प्यार का नगमा सा
मजबूर करती हैं आपकी पंक्तियां कि कुछ कहा जाये
खुशबू के पास से निकले तो चुप न रहा जाये
amazing gazal archana ji ;
जवाब देंहटाएंanjaan thi main khud ke haale dil .. sabse behatreen sher hai .. waaaaaaaaah
padhkar ek khushboo si cha gayi ..
meri badhai sweekar kare .
regards,
vijay
www.poemsofvijay.blogspot.com
Bahut hi pyari gazal.
जवाब देंहटाएं------------------
शानदार रही लखनऊ की ब्लॉगर्स मीट
.....इतनी भी कठिन नहीं है यह पहेली।
आँखों पर बहुत खूब कहा आपने, साथ में सारगर्भित चित्र भी . अति सुन्दर .
जवाब देंहटाएंमुझे याद आ रही है श्री जगदीश कुमार की हाइकु -
अँधेरा घुप्प
आँखें ही आँखें
दहाड्तीं ?
अर्चना जी बधाई .
देखा तेरी आँखों में अक्स कुछ अपना सा
जवाब देंहटाएंगाने लगा मन इक प्यार का नगमा सा
आप के और मेरे प्रोफ़ाइल में बहुत समानता है। मुझसे मिलने के लिए धन्यवाद
aapke shabd dil chu jate hai
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