इक रिश्ता आसमानी
चलो इक रिश्ता आसमानी बना लाएँ
जिसकी छाँव में ग़मों को हम भुलाएँ
आगोश में है जिसकी ठंडक चांदनी की
बिखेर रही दोस्ती वही कोमल फिजाएँ
गर्दिश-ए-दौरां से घायल जज्बातों के
ग़मों का इजहार तुझ ही से कर पाएँ
पलकों पे ढलकी अश्कों की बूँदें भी
तेरे दिल की सीपी में मोती बन जाएँ
जन्नत की शबनम बरसती है जहाँ
ऐ दोस्ती तुझे देते हैं फ़रिश्ते भी दुआएँ
(चित्र गूगल सर्च से साभार)
बहुत अच्छा लिखा है आपने । भाव, विचार, शब्द चयन और प्रस्तुतिकरण के सुंदर समन्वय से रचना प्रभावशाली बन पड़ी है ।
जवाब देंहटाएंमैने अपने ब्लाग पर एक लेख लिखा है-इन देशभक्त महिलाओं के जज्बे को सलाम- समय हो तो पढें और कमेंट भी दें-
http://www.ashokvichar.blogspot.com
बहुत सुन्दर रचना है बधाई।
जवाब देंहटाएंपलकों पे रुकी अश्कों की बूँदें भी
जवाब देंहटाएंतेरे दिल की सीपी में मोती बन जाएँ
wah :) kabhi humare blog par aayen
Sunder bhav, aur shandaar prstuti.
जवाब देंहटाएंजन्नत से शबनम बरसती है जहाँ
जवाब देंहटाएंऐ दोस्ती तुझे देते हैं फ़रिश्ते भी दुआएँ
--बहुत उम्दा!
आगोश में है जिसकी ठंडक चांदनी की
जवाब देंहटाएंबिखेर रही दोस्ती वही कोमल फिजाएँ
==
सुन्दर भाव और अतिसुन्दर रचना
अच्छे भाव की प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंसादर
श्यामल सुमन
09955373288
www.manoramsuman.blogspot.com
shyamalsuman@gmail.com
बेहतरीन अभिव्यक्ति!
जवाब देंहटाएंदोस्ती का जज़्बा सलामत रहे।
मित्रता दिवस पर शुभकामनाएँ।
bahut khoobsurat
जवाब देंहटाएंपलकों पे ढलकी अश्कों की बूँदें भी
जवाब देंहटाएंतेरे दिल की सीपी में मोती बन जाएँ
....आमीन
मुझे बहुत पसंद आई
जवाब देंहटाएंShabdon ka sundar bhav aur utna hi masum ehsas..badhai.
जवाब देंहटाएंफ्रेण्डशिप-डे की शुभकामनायें. "शब्द-शिखर" पर देखें- ये दोस्ती हम नहीं तोडेंगे !!
जन्नत की शबनम बरसती है जहाँ
जवाब देंहटाएंऐ दोस्ती तुझे देते हैं फ़रिश्ते भी दुआएँ
bahut he achha likha hai aapne...
ati uttam...
इन खुदाओं को न देखो ऐ मिराज़,
जवाब देंहटाएंहो सके तो एक मुट्ठी आसमां ही ले आयें.
भाव अच्छे हैं. और मेहनत करें, निखार आयेगा.
पलकों पे रुकी अश्कों की बूँदें भी
जवाब देंहटाएंतेरे दिल की सीपी में मोती बन जाएँ
bahut sundar!
पलकों पे ढलकी अश्कों की बूँदें भी
जवाब देंहटाएंतेरे दिल की सीपी में मोती बन जाएँ
vaah.bahoot naajuki से piroya है इस gazal को आपने.......... lajawaab
आज मुझे आप का ब्लॉग देखने का सुअवसर मिला।
जवाब देंहटाएंसचमुच में बहुत ही प्रभावशाली लेखन है... वाह…!!! वाकई आपने बहुत अच्छा लिखा है। बहुत सुन्दरता पूर्ण ढंग से भावनाओं का सजीव चित्रण... आशा है आपकी कलम इसी तरह चलती रहेगी और हमें अच्छी -अच्छी रचनाएं पढ़ने को मिलेंगे, बधाई स्वीकारें।
आप के द्वारा दी गई प्रतिक्रियाएं मेरा मार्गदर्शन एवं प्रोत्साहन करती हैं। आप मेरे ब्लॉग पर आये और एक उत्साहवर्धक प्रतिक्रिया दिया…. शुक्रिया.
आशा है आप इसी तरह सदैव स्नेह बनाएं रखेगें….
आप के अमूल्य सुझावों का 'मेरी पत्रिका' में स्वागत है...
Link : www.meripatrika.co.cc
…Ravi Srivastava
Roohani prem se sarabor kar gayi Aapki Rachna. Bahut Bahut Badhayi.
जवाब देंहटाएं-Zakir Ali ‘Rajnish’
{ Secretary-TSALIIM & SBAI }</a
भावात्मक अभिव्यक्ति... वाह.. साधुवाद.
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर एवं भावपूर्ण रचना.
जवाब देंहटाएंगुलमोहर का फूल
चलो इक रिश्ता आसमानी बना लाएँ
जवाब देंहटाएंजिसकी छाँव में ग़मों को भुला जाएँ
dil ko chhoo lene wali lines..........hain yeh........
bahut hi sunder bhaav hain...........
kya khoob likha hai mere dost , mere paas iski taarif ke liye shabd nahi hai , aapne ahsaaso ko itna accha jaama pahnaaya hai ki kya kahun ..
जवाब देंहटाएंregards
vijay
please read my new poem " झील" on www.poemsofvijay.blogspot.com
जन्नत से शबनम बरसती है जहाँ
जवाब देंहटाएंऐ दोस्ती तुझे देते हैं फ़रिश्ते भी दुआएँ
बहुत उम्दा!
बहुत खूब कहा आपने
जवाब देंहटाएंपता चल गया शब्द खो जाने पर कहाँ ढूँढना है
bahot khub bhai
http://sanjaybhaskar.blogspot.com
wah wah kya baat hai kitni achi tarah aap kavithayen likhti hai, aap ke bhavnayen mujhe bahut ache lagte hai blog ka name bhi bahut acha hai :-)
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